tag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post8334645052033704803..comments2023-06-30T02:55:42.951-07:00Comments on acharya astro: acharya astro: acharya astro: Experience & qualified Pandit Ji av...acharya astrohttp://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comBlogger128125tag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-30300686501803149932014-05-25T19:34:40.399-07:002014-05-25T19:34:40.399-07:00शनिवार के दिन शनि देव को आनंदित करने से जातक को सब...शनिवार के दिन शनि देव को आनंदित करने से जातक को सब दिशाओ में विजय, धन, काम सुख और आरोग्यता की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में वर्णित है समस्त देवी-देवताओं की पूजा सुबह के उजाले में संपन्न होती है वहीं शनि ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा संध्या के समय अधिक फलदायी होती है। पूजा करते समय कभी भी सामने से नहीं करनी चाहिए इससे शनि की वक्र दृष्टि का प्रभाव पड़ता है जो शुभ नहीं माना जाता इसलिए इनकी पूजा करते समय हमेशा तिरछा खड़े रहें। व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार संध्या के समय निम्न उपायों का पालन करना चाहिए।<br /><br />शनिवार को करें यह काम शनि देंगे पुरस्कार <br />1 आपके घर कोई भिखारी कुछ पाने की आशा से आए अथवा राह में मिल जाए तो उसके कुछ मांगने से पूर्व ही उसकी अभिलाषा पूर्ण करें। इससे आपका रूठा भाग्य मानेगा और जीवन सुखमय बन जाएगा।<br /><br />2 आपके घर अथवा दफ्तर के सफाई कर्मचारी को मीठा खिलाएं। इससे शनि देव खुश रहेंगे।<br /><br />3 काले कुत्ते को रोटी पर सरसों का तेल लगाकर खिलाएं। शनि कृपा होगी।<br /><br />4 शनि देव को काले तिल बहुत प्यारे लगते हैं। आज के दिन किसी गरीब को अथवा शनि मंदिर में तिलों का दान करें। ऐसे करने से शनि की प्रतिकुलता अनुकूलता में परिवर्तित हो जाएगी।<br /><br />5 शनि से संबंधित किसी भी तरह की चिंता का निवारण करना हो तो शनि मंत्र, शनि स्तोत्र विशेष रूप से शुभ रहते हैं। <br /><br />6 धर्म शास्त्रों के अनुसार अयोध्या के राजा महाराज दशरथ ने शनि की साढ़ेसाती की पीड़ा से बचने के लिए शनि स्तोत्र की रचना की थी। जब तक नदी, समुद्र, सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी आदि रहेंगे तब तक इस स्तोत्र के जाप से शनि देव अपने भक्तों का कल्याण करते रहेंगे।<br /><br />श्री दशरथ कृत स्तोत्र<br />नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण् निभाय च।<br /><br />नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ॥1॥<br /><br />नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च ।<br /><br />नमो विशालनेत्रय शुष्कोदर भयाकृते॥2॥<br /><br />नम: पुष्कलगात्रय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।<br /><br />नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते॥3॥<br /><br />नमस्ते कोटराक्षाय दुख्रर्नरीक्ष्याय वै नम: ।<br /><br />नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने॥4॥<br /><br />नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।<br /><br />सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च ॥5॥<br /><br />अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते ।<br /><br />नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते ॥6॥<br /><br />तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च ।<br /><br />नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ॥7॥<br /><br />ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे ।<br /><br />तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥8॥<br /><br />देवासुरमनुष्याश्च सिद्धविद्याधरोरगा: ।<br /><br />त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:॥9॥<br /><br />प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत ।<br /><br />एवं स्तुतस्तदा सौरिग्र्रहराजो महाबल: ॥10॥acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-22002257988832180742014-05-25T19:33:56.119-07:002014-05-25T19:33:56.119-07:00आज के दौर में सबसे बड़ी चुनौती है करियर का निर्माण...आज के दौर में सबसे बड़ी चुनौती है करियर का निर्माण। सही विषय के चयन में थोड़ी-सी भी चूक आपकी मंजिल को आपसे कोसों दूर ले जाती है। इसलिए करियर के शुरूआती दिनों में ही कुंडली पर जरूर गौर करना चाहिए। कुंडली के द्वितीय व चतुर्थ भाव से शिक्षा का व पंचम भाव से बु़िद्ध व स्मरण शक्ति का विचार किया जाता है। दशम भाव से विद्या, यश का विचार किया जाता है। कम्पीटीशन टैस्ट में उत्तीर्ण होने अथवा न होने का विचार दशम स्थान से होता है। करियर निर्धारण में कुंडली के द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, सप्तम व दशम भाव विचारणीय हैं।<br /><br />यदि पंचम स्थान का स्वामी बुध हो और वह किसी शुभ ग्रह के साथ हो, यदि शुभ ग्रह दृष्ट हो, यदि बुध उच्च राशि में हो, यदि बुध पंचमस्थ हो, पंचमेश जिस नवांश में हो, उसका स्वामी केद्र्रगत हो और शुभ ग्रह से दृष्ट हो इन योगों में से किसी भी योग के रहने से जातक समझदार, बुद्धिमान (इंटैलीजैंट) होता है। चतुर्थ भाव से सामान्य शिक्षा, नवम भाव से उच्च शिक्षा या तकनीकी क्षेत्र से संबंधित शिक्षा एवं एकादश (लाभ) भाव से शिक्षा प्राप्ति तथा शिक्षा में सफलता जानी जाती है। <br /><br />दशम भाव से करियर का विचार किया जाता है यानी जातक को किस कर्म अथवा किस व्यापार द्वारा सफलता प्राप्त होगी इन सबका विचार दशम भाव से ही होता है। लग्न से जातक का शरीर, चंद्रमा से मन और सूर्य से आत्मा का विचार होता है। लग्न स्थान से दशम स्थान मनुष्य के शारीरिक परिश्रम द्वारा कार्य सम्पन्नता, चंद्रमा से दशम स्थान द्वारा जातक की मानसिक वृत्ति के अनुसार कार्य सम्पन्नता का एवं सूर्य से आत्मा की प्रबलता का ज्ञान होता है। लग्न और चंद्रमा में जो बली हो, उससे दशम भाव द्वारा कर्म और जातक के करियर का विचार किया जाता है। यदि चंद्रमा और लग्न इन दोनों में से दशम स्थान पर कोई ग्रह न हो तो सूर्य से, दशम स्थान में स्थित चंद्रमा से और सूर्य से दशम स्थान में कोई ग्रह न हो तो ऐसी स्थिति में दशम स्थान के स्वामी के नवांशपति से करियर का विचार किया जाता है। तीनों स्थानों से आजीविका का विचार किया जाता है। उन तीनों स्थानो में से जो बली हो उसके दशम स्थान में स्थित ग्रह से अथवा उसके दशमेश के नवांशपति के अनुसार जातक की मुख्य आजीविका होती है।<br /><br />स्वामी ग्रहों के अनुसार करियर<br />सूर्य ग्रह वाला जातक वित्त, जवाहरात, बीज विक्रेता, चमड़े की वस्तुओं का निर्माता और एंटीबायोटिक मैडीसिन के निर्माता, स्कूल व कॉलेज प्रबन्धक, मैनेजमैंंट कंसलटैंट, फार्मासिस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता जैसे क्षेत्रों में सफलता पाता है।<br />चंद्रमा चंद्र ग्रह वाले जातक रिसैप्शनिस्ट, लेखक, लाइब्रेरियन, गार्मैंट डिजाइनर, ड्रैस डिजाइनर, ट्यूटर, सलाहकार, सूचना अधिकारी, ट्रैवल एजैंट, करियर कौंसलर, आयात-निर्यातकर्ता, प्रकाशक, काव्य सृजक, पत्रकार इत्यादि क्षेत्रों में सफलता पाते हैं। <br /><br />मंगल ग्रह वाला जातक सैन्य अधिकारी, प्रॉपर्टी डीलर, जासूस, सर्जन, मैडिकल शॉप, पुलिस अधिकारी, प्रोफैशनल खिलाड़ी, हैल्थ वर्कर, सिक्योरिटी सर्विस आदि कार्य करते हैं। ये अपने करियर में निर्भीक होते हैं।<br /><br />बुध ग्रह वाले सी.ए., लेख विश्लेषक, क्लर्क, प्रकाशक, हॉबी क्लास टीचर, इन्वैस्टमैंंट प्रबंधक, रीटेल शॉप, जनरल स्टोर, स्किन केयर, एकाऊंट्स, एग्जीक्यूटिव, बुक बाइन्डर, बैंककर्मी, इवैंट आयोजक इत्यादि होते हैं।<br />बृहस्पति ग्रह वाले साहित्य संस्थाओं के अधिकारी, वैेबपेज डिजाइनर, संगठन प्रबंधक, आर्किटैक्ट, व्यवसायी, संपादक, राजनीतिज्ञ, कम्प्यूटर प्रोग्रामर, वकील, कॉलेज प्रोफैासर, न्यायाधीश, होटल प्रबंधक, प्रशासक आदि होते हैं।<br /><br />शुक्र ग्रह वाले मीडिया प्लानर, सर्जन, इंटीरियर डैकोरेटर, फोटोग्राफर, ज्योतिषी, मैरिज ब्यूरो संचालक, टी.वी. एंकर, ब्यूटीशियन, लेडीज टेलर, पर्यटन प्रबंधक आदि कार्य करते हैं।<br /><br />शनि ग्रह वाले उत्पादन प्रबंधक, हार्डवेयर इंजीनियर, टैक्नीशियन, वैज्ञानिक, शोधकर्ता, विदेशी भाषा अनुवादक, कंप्यूटर प्रोग्रामर, प्राइवेट डिटैक्टिव, लैब टैक्नीशियन, स्टील फैक्ट्री मालिक आदि कार्य करते हैं।<br /><br />राहु ग्रह वाले वैंचर कैपिटलिस्ट, फिजियोथैरेपिस्ट, शेयर ब्रोकर, राजनीतिज्ञ, होटलकर्मी, ऑटो पाट्र विक्रेता, शराब ठेकेदार, फिल्म निर्माता, नशीले पदार्थों का उत्पादक आदि कार्य करते हैं।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-22935730715340943222014-05-25T19:31:34.837-07:002014-05-25T19:31:34.837-07:00ज्योतिषशास्त्र में नवग्रहों से निर्मित योगों के आध...ज्योतिषशास्त्र में नवग्रहों से निर्मित योगों के आधार पर पितृदोष की भविष्यवाणी की जाती है। नवग्रहों में बृहस्पति और शनि क्रमश: आकाश और वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। जबकि राहु चुंबकीय क्षेत्र का, सूर्य पिता का, चंद्र माता का, शुक्र पत्नी का और मंगल भाई का प्रतिनिधित्व करता है। राहु एक छाया ग्रह है और प्रेतात्माएं भी छाया रूप में ही विद्यमान रहती हैं।<br /><br />अत: कुंडली में राहु की स्थिति पितृ दोष का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण है। यदि राहु सूर्य के साथ युति करे तो सूर्य को ग्रहण लगेगा। सूर्य पिता का कारक होने के कारण पितृदोष का कारण बनेगा तथा राज्य का कारक होने से राज्य पक्ष से नुक्सान पहुंचाएगा। इसी प्रकार माता के कारक चंद्र की राहु और सूर्य से युति मातृ दोष का कारण बनेगी जिससे भूमि, भवन और वाहन से कष्ट की आशंका बनी रहेगी, चंद्रमा मन का कारक होने से मन में अनावश्यक घबराहट के कारण असफलता एवं मानसिक तनाव रहेगा।<br /><br /><br />जन्म कुंडली में बारहवां भाव, सूर्य-शनि की युति और राहु का प्रभाव पितृदोष का कारण बनता है। सूर्य नीचगत, शत्रुक्षेत्रीय अथवा राहु-केतु के साथ द्वादश भाव में स्थित हो तो पितृदोष बनता है। जिनकी जन्मकुंडली में पितृ दोष विद्यमान हो वे पितृपक्ष में श्राद्ध-तर्पण करें<br /><br />ॐ ऐं पितृदोष शमनं ह्रीं ॐ स्वधा’<br /><br />मंत्र का जप करें। नारायण गया श्राद्ध, विष्णु श्राद्ध, नान्दीमुख श्राद्ध कराएं। रुद्राभिषेक कराएं। शैय्या दान करें। लोकहितार्थ तालाब, पुल, नल या प्याऊ आदि लगवाने चाहिएं। ब्राह्मणों को यथाशक्ति भोजन, वस्त्र, फल, दक्षिणा आदि का दान करें। किसी निर्धन और जरूरतमंद व्यक्ति को तिल दान करें। <br />acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-5855396386814659822014-05-25T19:31:00.166-07:002014-05-25T19:31:00.166-07:00हर किसी व्यक्ति को खुशबु अच्छी लगती है, जिस ओर से ...हर किसी व्यक्ति को खुशबु अच्छी लगती है, जिस ओर से ये खुशबु आ रही हो हम उसी ओर खिचें चले जाते हैं। खुशबू तन मन दोनों को महकाती है, इसको लगाने के बाद हर व्यक्ति कुछ खास और अलग सा महसूस करता है। क्या आप जानते हैं इत्र से किसी को भी वशीभूत किया जा सकता है और इत्र की खुशबू से आप आपनी किस्मत भी बदल सकते हैं।ज्योतिष के अनुसार अपनी राशि के अनुसार परफ्युम का उपयोग करने से अपनी राशि के स्वामी को खुश कर सकते हैं-<br /><br /><br />मेष- इस राशि के जातकों को मोगरे की सुगंध के डियो या परफ्युम लगाने चाहिए।<br /><br />वृष- इस राशि के जातकों को चमेली की सुगंध के डियो या परफ्युम लगाने चाहिए।<br /><br />मिथुन- इस राशि के जातकों को लेवेंडर की सुगंध के डियो या परफ्युम लगाने चाहिए।<br /><br />कर्क- इस राशि के जातकों को गुलाब की खुशबू वाले परफ्युम और डियो लगाने चाहिए।<br /><br />सिंह- इस राशि के जातकों को मिठी खुशबु यानी चॉकलेट फ्लेवर वाले परफ्युम लगाने चाहिए।<br /><br />कन्या- इस राशि के जातकों को बादाम की सुगंध वाले परफ्युम और डियोड्रेंट लगाने चाहिए।<br /><br />तुला- इस राशि के जातकों को चॉकलेट और चमेली की सुगंध वाले परफ्युम और डियो लगाने चाहिए।<br /><br />वृश्चिक- इस राशि के जातकों को रोजमेरी की सुगंध वाले परफ्युम और डियो लगाने चाहिए।<br /><br />धनु- इस राशि के जातकों को चंदन की सुगंध वाले परफ्युम और डियो लगाने चाहिए।<br /><br />मकर- इस राशि के जातकों को एनर्जेटीक सुगंध वाले परफ्युम जैसे लेमन फ्लेवर आदि परफ्युम और डियो लगाने चाहिए।<br /><br />कुंभ- इस राशि के जातकों को एक्वा फ्लेवर वाले परफ्युम और डियो लगाने चाहिए।<br /><br />मीन- इस राशि के जातकों को कस्तुरी जैसी सुगंध वाले परफ्युम और डियो लगाने चाहिए।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-75514806293330007122014-05-25T19:29:59.654-07:002014-05-25T19:29:59.654-07:00यज्ञ वृष्टी का जनक है व रोगों का नाशक है। मानसिक र...यज्ञ वृष्टी का जनक है व रोगों का नाशक है। मानसिक रोगों का शरिरिक रोगों से संबंध तुलसी दास जी द्वारा उत्तर खण्ड में दिया गया है। धर्म के बिना स्वास्थ्य असम्भव है और स्वास्थ्य के बिना धर्म असंभव है। ज्योतिष शास्त्र में 6 ग्रहों का संबंध स्वास्थ्य से माना गया है। इन ग्रहों के दुष्प्रभाव हेतु निम्न विधान है-<br /><br />1 यदि सूर्य कमजोर है तो आकड़े का यज्ञ करवाएं।<br /><br />2 चन्द्र ग्रह कमजोर हो तो पलास की लकड़ी जलाएं।<br /><br />3 मंगल ग्रह कमजोर हो तो खदीर की लकड़ी का हवन करें।<br /><br />4 बुध ग्रह कमजोर हो तो अपामार्ग की आहुति दें।<br /><br />5 बृहस्पति कमजोर हो तो पीपल की लकड़ी की आहुति दें।<br /><br />6 शुक्र ग्रह कमजोर हो तो गूलर की लकड़ी की आहुति दें।<br /><br />7 शनि वात ग्रह है उसको शांत करने के लिए खेजड़े की लकड़ी का हवन करने से उनसे संबंधित किटाणु नाश होते हैं।<br />acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-69639205214648230042014-05-09T18:47:07.767-07:002014-05-09T18:47:07.767-07:00सांवले रंग के प्रथम वर्ण के विपरीत द्वितीय वर्ण वा...सांवले रंग के प्रथम वर्ण के विपरीत द्वितीय वर्ण वालों में उपरोक्त गुणों में कुछ न्यूनता आ जाती है अत: उस वर्ग को निम्न मध्यम वर्ग में रखा जाता है।<br /> <br />- इस वर्ण का प्रभाव स्त्रियों पर भी उसी प्रकार का होता है। फिर भी विशेष स्थिति में वे गृहस्थी के उतार-चढ़ाव में निंरतर संघर्षरत, धैर्यसम्पन्न, सहनशील, उदार, चंचल, भोगी एवं विश्वस्त होती हैं।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-58598444208978820042014-05-09T18:46:44.383-07:002014-05-09T18:46:44.383-07:00विद्वानों की मान्यता है कि सफेद या पीले रंग से संय...विद्वानों की मान्यता है कि सफेद या पीले रंग से संयुक्त लाल रंग के नाखून, तालू, जीभ, होंठ, करतल तथा पदतल वाली स्त्री धन-धान्य से युक्त, उदार एवं सौभाग्यवती होती है।<br /> <br />- समुद्र शास्त्र के अनुसार विश्व में सबसे ज्यादा सांवले रंग के लोग होते हैं। इसे काले रंग से युक्त कहा जाता है क्योंकि यह एकदम गहरा काला रंग न होकर सफेद एवं लाल रंग से मिश्रित काला होता है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार इसके दो भेद होते हैं। प्रथम के अंतर्गत रजोगुण प्रधानता के साथ तमोगुण की हल्की सी प्रवृत्ति होती है। ऐसे जातक अस्थिर, परिश्रमी और कभी सुस्त, सामान्य बुद्धि वाले, सामान्य समृद्ध तथा सामान्य अध्ययन-मनन एवं चिंतनप्रिय तथा प्राय: उच्च मध्यम वर्ग के होते हैं।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-32017903577552840912014-05-09T18:46:16.190-07:002014-05-09T18:46:16.190-07:00समुद्र शास्त्र के अनुसार गोरे रंग के लोगो में मुख्...समुद्र शास्त्र के अनुसार गोरे रंग के लोगो में मुख्य रूप से दो भेद होते हैं हैं। प्रथम में लाल एवं सफेद रंग का मिश्रण होता है जिसे हम गुलाबी कहते हैं। ऐसे लोगमृदु स्वभाव, बुद्धिमान, साधारण परिश्रमी, रजोगुणी एवं अध्ययन तथा विचरण प्रेमी होते हैं। ऐसे लोगदिखने में सुंदर तथा आकर्षक होते हैं तथा सभी को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होते हैं।<br /> <br />- दूसरे भेद में लाल व पीले रंग का मिश्रण होता है, जिसे पिंगल कहा जाता है। ऐसे जातक परिश्रमी, धैर्यवान, सौम्य, गंभीर, रजोगुणी, भोगी, समृद्ध एवं व्यवहार कुशल होते हैं। देखने में आता है कि ऐसे जातक बीमार रहते हैं तथा इन्हें रक्त संबंधी बीमारी अधिक होती है। acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-70954135702004369062014-05-09T18:45:54.353-07:002014-05-09T18:45:54.353-07:00कदम काले रंग से प्रभावित स्त्रियों के संबंध में सम...कदम काले रंग से प्रभावित स्त्रियों के संबंध में समुद्र शास्त्र में वर्णन है कि अत्यधिक काले रंग के नेत्र, त्वचा, रोम, बाल, होंठ, तालु एवं जीभ आदि जिन स्त्रियों के हों, वे निम्न वर्ग में आती है। इस वर्ण की स्त्रियां स्वामीभक्त और बात को अंत तक निभाने वाली एवं निर्भिक होती है।<br /> <br /> रति में पूर्ण सहयोग और आनन्द देती हैं। विश्वसनीय, उत्तम मार्गदर्शिका और प्यार में बलिदान देने वाली होती हैं। इनके प्यार में धूप सी गर्मी व चंद्रमा सी शीतलता पाई जाती है। यही इनका गुण होता है।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-53868937430610895182014-05-09T18:45:31.901-07:002014-05-09T18:45:31.901-07:00सामुद्रिक शास्त्र के विद्वानों के अनुसार शरीर के र...सामुद्रिक शास्त्र के विद्वानों के अनुसार शरीर के रंग के आधार पर भी मनुष्य के स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है। स्थान, प्रकृति तथा अनुवांशिकता के अनुसार मनुष्य काशरीर मुख्य रूप से तीन रंगों का होता है, जिन्हें हम साधारण बोलचाल की भाषा में गोरा, गेहुंआ (सांवला) व काला कहते हैं। इनके आधार पर हम किसी भी मनुष्य के स्वभाव का आंकलन कर सकते हैं। जानिए किस रंग के लोग कैसे स्वभाव वाले होते हैं-<br /><br />- समुद्र शास्त्र के अनुसार काले रंग के लोगपूर्ण स्वस्थ, दृढ़ परिश्रमी, तमोगुणी एवं क्रोधी होते हैं। इनका बौद्धिक विकास कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप वे सभी सामाजिक परंपराओं, संस्कारों एवं मर्यादाओं से दूर, उत्तेजित, हिंसक, कामी, हठी एवं आक्रामक तथा अपराधी प्रवृत्ति के होते हैं।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-8607900650546031722014-05-09T18:44:15.780-07:002014-05-09T18:44:15.780-07:00हथेली का रंग मटमैला होना
जिन लोगों की हथेली मटमैले...हथेली का रंग मटमैला होना<br />जिन लोगों की हथेली मटमैले रंग की होती है, वे जीवन में अधिकांश समय दरिद्रता का सामना करते हैं। धन की कमी के कारण ये लोग निराश हो जाते हैं। ऐसी हथेली वाला व्यक्ति कड़ी मेहनत के बाद भी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर पाते हैं। आमतौर पर ऐसे लोग कार्यों में झूठ का सहारा भी लेते हैं। इन्हें अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए।<br /> <br />हथेली पर दाग-धब्बे होना<br />यदि किसी व्यक्ति की हथेली पर दाग-धब्बे दिखाई देते हैं तो वे लोग नशे की लत के शिकार हो सकते हैं। ऐसे लोगों का जीवन सामान्यत: सुख-सुविधाओं के अभाव में व्यतीत होता है।<br /> <br />ध्यान रखें, हस्तरेखा से भविष्य देखने के लिए दोनों हाथों की पूरी स्थिति का अध्ययन अतिआवश्यक है। इसके बाद ही कोई सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-68524970441208039282014-05-09T18:43:52.648-07:002014-05-09T18:43:52.648-07:00जिन लोगों की हथेली का रंग लाल होता है, साथ ही हथेल...जिन लोगों की हथेली का रंग लाल होता है, साथ ही हथेली चमकदार और चिकनी दिखाई देती है तो उन लोगों पर महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। ऐसे लोगों के जीवन में सभी सुख-सुविधाएं रहती हैं।<br /> <br />हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार लाल रंग की हथेली बहुत शुभ होती है। ऐसी हथेली वाले लोगों को समाज में मान-सम्मान भी मिलता है। आमतौर पर ऐसी हथेली वाले लोग उच्च स्तरीय कार्य करते हैं। ये लोग अधिक शारीरिक श्रम से बचे रहते हैं।<br /> <br />लाल रंग की हथेली वाले लोग स्वभाव से भावुक और थोड़े क्रोधी होते हैं। कभी-कभी इन्हें छोटी-छोटी बातों पर क्रोध आ जाता है। साथ ही, इन लोगों के विचारों में अस्थिरता रहती है।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-71465050878695126292014-05-09T18:43:29.751-07:002014-05-09T18:43:29.751-07:00यदि किसी व्यक्ति की हथेली का रंग पीला दिखाई देता ह...यदि किसी व्यक्ति की हथेली का रंग पीला दिखाई देता है तो यह शुभ नहीं होता है। पीले रंग की हथेली व्यक्ति की कमजोरी की ओर इशारा करती है। ऐसी हथेली वाले लोगों को कई प्रकार की बीमारियां होने का भय बना रहता है। पीले रंग की हथेली बताती है कि व्यक्ति विपरीत लिंग की ओर बहुत जल्दी आकर्षित हो जाता है।<br /> <br />यदि किसी स्त्री की हथेली का रंग पीला है तो वह पुरुष की ओर जल्दी आकर्षित हो जाती है और यदि किसी पुरुष की हथेली का रंग पीला है तो वह किसी स्त्री की ओर जल्दी आकर्षित हो जाता है।<br /> <br />इस प्रकार की हथेली वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां रखनी चाहिए। खान-पान में किसी भी प्रकार असावधानी इन्हें बहुत जल्दी बीमारी कर सकती है।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-55010997088896292562014-05-09T18:43:07.215-07:002014-05-09T18:43:07.215-07:00निस्तेज सफेद रंग- निस्तेज सफेद रंग का अर्थ है कि ऐ...निस्तेज सफेद रंग- निस्तेज सफेद रंग का अर्थ है कि ऐसा सफेद रंग जिसमें किसी प्रकार की चमक ना हो, आभाहीन सफेद रंग की हथेली, सूखी-सूखी हथेली दिखाई देना। जिन लोगों की हथेली ऐसी होती है, वे उत्साही नहीं होते हैं। किसी भी कार्य के प्रति इन लोगों में कोई उत्साह नहीं होता है। आमतौर पर ऐसे लोग अकेले में रहना पसंद करते हैं। किसी भी समारोह या पार्टी में इनका मन नहीं लगता है।<br />कार्यों के प्रति अकर्मठ रहते हैं, इस वजह से इन्हें महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है। इनके जीवन में धन की कमी बनी रहती है। इस कारण इनके जीवन में अधिकांश समय कठिन परिस्थितियां रहती हैं।<br /> <br />चमकदार सफेद रंग- जिन लोगों की हथेली सफेद रंग की है और वह चमकदार है, सुंदर दिखाई देती है तो ऐसे लोगों का मन आध्यात्म की ओर होता है। इस प्रकार की हथेली वाले लोग अद्भुत शक्तियों के मालिक होते हैं। कार्यों को पूरी तन्मयता और उत्साह के साथ पूर्ण करते हैं। ये लोग शांति प्रिय होते हैं।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-2094796177678080322014-05-09T18:41:52.566-07:002014-05-09T18:41:52.566-07:00गहरा गुलाबी- जिस व्यक्ति की हथेली का रंग गहरा गुला...गहरा गुलाबी- जिस व्यक्ति की हथेली का रंग गहरा गुलाबी दिखाई देता है, वह शाही सुख प्राप्त करने वाला होता है। यदि इन लोगों की छोटी-छोटी बातें भी पूरी नहीं होती हैं तो इन्हें क्रोध आ जाता है। हालांकि, ये लोग बहुत जल्दी खुश भी हो जाते हैं। इन लोगों के विचार बदलते रहते हैं, आज जिस बात को सही बता रहे हैं, उसी बात को कल गलत भी बता सकते हैं।<br /> <br />हल्का गुलाबी- जिन लोगों की हथेली का रंग हल्का गुलाबी दिखाई देता है, वे लोग अच्छे स्वभाव और उच्च विचारों वाले होते हैं। घर-परिवार और समाज में अपने गुणों के कारण मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। किसी भी कार्य को पूर्ण धैर्य और शांति के साथ पूर्ण करते हैं। इस प्रकार की हथेली वाले लोग हर हाल में सदैव प्रसन्न रहते हैं।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-2269282052200158572014-05-09T18:41:15.336-07:002014-05-09T18:41:15.336-07:00ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत कई प्रकार की विद्याएं ब...ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत कई प्रकार की विद्याएं बताई गई हैं, इन विद्याओं में से हस्तरेखा अध्ययन भी एक विद्या है। वैसे तो हथेली की रेखाओं का अध्ययन कर पाना काफी मुश्किल कार्य है, लेकिन सिर्फ हथेली का रंग देखकर ही व्यक्ति के नेचर की कई बातें मालूम की जा सकती हैं।<br /> <br />हथेली के रंग- सभी लोगों की हथेलियों का रंग अलग-अलग होता है। किसी व्यक्ति की हथेली लाल या गुलाबी होती है तो किसी की हथेली पीले रंग की होती है। कुछ लोगों की हथेली मटमैले रंग की होती है, किसी की हथेली सफेद रंग की दिखाई देती है।<br /> <br />हस्तरेखा ज्योतिष के अंतर्गत हथेली की रेखाओं, हथेली की बनावट, हथेली और उंगलियों की लंबाई, हथेली तथा रेखाओं का रंग आदि बातों पर विचार करके व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-15557775424252319302014-05-09T18:29:53.011-07:002014-05-09T18:29:53.011-07:00यदि किसी व्यक्ति की कुंडली वृश्चिक लग्न की हो और उ...यदि किसी व्यक्ति की कुंडली वृश्चिक लग्न की हो और उसके प्रथम भाव बुध स्थित हो तो व्यक्ति को सुंदर शरीर प्राप्त होता है। ऐसे लोग दिखने में आकर्षक और प्रभावशाली होते हैं। वृश्चिक लग्न की कुंडली में प्रथम भाव वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है। कुंडली का पहला स्थान शरीर का कारक स्थान होता है। यहां बुध होने पर व्यक्ति शारीरिक श्रम द्वारा श्रेष्ठ लाभ प्राप्त कर लेता है। ऐसे लोगों को जीवन साथी की ओर से कुछ परेशानियां हो सकती हैं।<br /> <br />वृश्चिक लग्न की कुंडली के द्वितीय भाव में बुध हो तो...<br /> <br />कुंडली का द्वितीय भाव घर-परिवार और धन का कारक स्थान होता है। यहां बुध होने पर व्यक्ति को धन संचय में श्रेष्ठ शक्ति प्राप्त होता है। वृश्चिक लग्न की कुंडली का द्वितीय भाव धनु राशि का स्वामी है और उसका स्वामी गुरु है। गुरु की इस राशि में बुध होने पर कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हालांकि इन लोगों का जीवन पूरे ऐश और आराम से व्यतीत होता है।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-90001371020332822014-05-09T18:27:41.118-07:002014-05-09T18:27:41.118-07:00शनिवार या किसी भी संकट के दौर में सवेरे स्नान के ब...शनिवार या किसी भी संकट के दौर में सवेरे स्नान के बाद यथासंभव हनुमान मंदिर में या फिर घर पर हनुमानजी को सिंदूर, लाल फूल व नारियल चढ़ाकर गुग्गल धूप लगाएं। आटे से बने दीपक में गाय के घी का दीप प्रज्जवलित कर इस हनुमान मंत्र स्तुति का स्मरण संकटमोचन की कामना से करें-<br /> <br />हनुमानञ्जनी सूनुर्वायुपुत्रो महाबल:। <br />रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोमितविक्रम:।।<br />उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।<br />लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।<br />एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।<br />स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।<br />तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।। <br /> <br />इस खास मंत्र स्तुति में श्रीहनुमान के 12 नाम, उनके गुण व शक्तियों को भी उजागर करते हैं । ये नाम है - हनुमान, अञ्जनीसुत, वायुपुत्र, महाबली, रामेष्ट यानी श्रीराम के प्यारे, फाल्गुनसख यानी अर्जुन के साथी, पिंगाक्ष यानी भूरे नयन वाले, अमित विक्रम, उदधिक्रमण यानी समुद्र पार करने वाले, सीताशोकविनाशक, लक्ष्मणप्राणदाता और दशग्रीवदर्पहा यानी रावण के दंभ को चूर करने वाले। acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-69365111997102391782014-05-08T18:09:55.729-07:002014-05-08T18:09:55.729-07:00
21 तारीख को जन्म लेने वाले लोग
जिन लोगों का जन्...<br />21 तारीख को जन्म लेने वाले लोग<br /> <br />जिन लोगों का जन्म किसी भी माह की 21 तारीख को हुआ है, वे लोग अपनी अलग ही विशेषता के कारण प्रसिद्ध होते हैं। सामान्यत: इस अंक के लोग काफी महत्वकांक्षी होते हैं। इस अंक का ग्रह स्वामी गुरु है। गुरु के प्रभाव से ये लोग किसी उच्च पद को प्राप्त करते हैं। इन्हें किसी भी प्रकार का दबाव पसंद नहीं होता है। यदि काम को लेकर इन पर दबाव बनाया जाता है तो ये लोग खीजने लग जाते हैं।<br /> <br />इस अंक के लोग हर क्षेत्र में ऊंचाई पर पहुंचते हैं। इन्हें मेहनत अधिक करना होती है, परंतु अंतत: सफलता प्राप्त कर लेते हैं।<br /> <br />- इनके लिए मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार अधिक शुभ होते हैं।<br /> <br />- हर माह की 6, 9, 15, 18, 27 तारीखें इनके लिए विशेष रूप से लाभदायक हैं।<br /> <br />- इन लोगों की अंक 6 और अंक 9 वाले व्यक्तियों से काफी अच्छी मित्रता रहती है।<br /> <br />- रंगों में इनके लिए बैंगनी, लाल, गुलाबी, नीला शुभ होते है।<br />acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-10612993508858595672014-05-08T18:08:28.108-07:002014-05-08T18:08:28.108-07:0012 तारीख को जन्म लेने वाले लोग
इस अंक के व्यक्ति...12 तारीख को जन्म लेने वाले लोग<br /> <br />इस अंक के व्यक्ति बहुत भावुक होते हैं और अनुशासन बहुत पसंद करते हैं। इस अंक के लोगों की यही मानसिकता होती है कि इन्हें निरंतर प्रगति करना है। इस अंक का कारक ग्रह बृहस्पति है। इनके लिए जीवन का लक्ष्य हर समय खुश रहना और दूसरों को भी खुश रखना है। ये लोग स्वभाव से बहुत मनमौजी होते हैं। अपने से बड़ों के आदेशों का पालन करते हैं और चाहते हैं कि इनके आदेशों का पालन भी उसी तरह किया जाए।<br /> <br />- इनके लिए मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार अधिक शुभ होते हैं।<br /> <br />- हर माह की 6, 9, 15, 18, 27 तारीखें विशेष लाभदायक हैं।<br /> <br />- इन लोगों की अंक 6 और अंक 9 वाले व्यक्तियों से काफी अच्छी मित्रता रहती है।<br /> <br />- इनके लिए बैंगनी, लाल, गुलाबी, नीला रंग शुभ होता है।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-11838695626762278772014-05-08T18:07:54.964-07:002014-05-08T18:07:54.964-07:00
11 तारीख को जन्म लेने वाले लोग
अंक ज्योतिष के अ...<br />11 तारीख को जन्म लेने वाले लोग<br /> <br />अंक ज्योतिष के अनुसार इस अंक के लोगों की कल्पनाशक्ति और रचनात्मक क्षमता काफी अधिक होती है। इस अंक का कारक ग्रह चंद्र है। ये लोग चंद्र के प्रभाव से हर कार्य को अच्छे और बेहद ही आकर्षक तरीके से करते हैं। हर पल नया करने के लिए लालायित रहते हैं। ये लोग काफी रोमांटिक स्वभाव के होते हैं और विपरीत लिंग के प्रति बहुत अधिक आकर्षित होते हैं। अन्य लोग भी इनके व्यक्तित्व और कार्यशैली से इन पर मोहित हो जाते हैं। इस अंक के कुछ लोग शारीरिक दृष्टि से अधिक बलवान नहीं होते हैं, वे सामान्य शरीर वाले होते हैं।<br /> <br />- इस अंक के लोगों के लिए रविवार, सोमवार और शुक्रवार काफी शुभ दिन हैं।<br /> <br />- इनके लिए हरा या हल्का हरा रंग बेहद फायदेमंद है। क्रीम और सफेद रंग भी विशेष लाभ देते हैं।<br /> <br />- लाल, बैंगनी या गहरे रंग इनके लिए अच्छे नहीं होते।<br /> <br />- इस अंक वालों को मोती, चंद्रमणि, पीले-हरे रत्न पहनना चाहिए। <br />acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-37376297458502922142014-05-08T18:07:25.563-07:002014-05-08T18:07:25.563-07:00
10 तारीख को जन्म लेने वाले लोग
जिन लोगों का जन्...<br />10 तारीख को जन्म लेने वाले लोग<br /> <br />जिन लोगों का जन्म किसी भी माह की तारीख 10 को हुआ है, वे लोग रचनात्मक और खोज करने वाले होते हैं। इस अंक का कारक ग्रह सूर्य है। सूर्य के कारण इस अंक के लोगों को समाज में पूर्ण मान-सम्मान प्राप्त होता है।<br /> <br />इस अंक के लोग अपनी सफलता के मार्ग में आने वाली हर बाधा पर विजय प्राप्त कर लेते हैं। ये लोग अति महत्वाकांक्षी होते हैं। ये लोग जिस भी क्षेत्र में कार्य करते हैं, सफलताएं और ऊंचाइयां प्राप्त करते हैं। इस अंक वाले लोग सम्मान के भूखे होते हैं और अत्यधिक सम्मान प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं।<br /> <br />- इस अंक के लोगों के लिए रविवार और सोमवार विशेष लाभ देने वाले दिन हैं।<br /> <br />- इनके लिए पीला, सुनहरा, भूरा रंग काफी फायदेमंद है।<br /> <br />- इन्हें तांबा और सोना धातु धारण करना चाहिए, इससे विशेष लाभ प्राप्त होता है।<br /> <br />- इनके लिए पुखराज, पीला हीरा, कहरुवा और पीले रंग के रत्न, जवाहरत आदि लाभदायक हैं।<br />acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-12723956622497449782014-05-08T18:06:51.593-07:002014-05-08T18:06:51.593-07:00
9 तारीख को जन्म लेने वाले लोग
जिन लोगों का जन्म...<br />9 तारीख को जन्म लेने वाले लोग<br /> <br />जिन लोगों का जन्म किसी भी माह की 9 तारीख को हुआ है, वे अंक 9 के लोग होते हैं। अंक 9 का कारक मंगल ग्रह है और यह अंक मंगल का प्रतीक है। मंगल के प्रभाव से इन लोगों को गुस्सा काफी अधिक आता है। ये लोग जल्दबाजी में निर्णय ले लेते हैं और फिर बाद में बुरा परिणाम झेलना पड़ता है।<br /> <br />सामान्यतः: अंक 9 के लोग स्वप्रेरित होते हैं। खुद की प्रेरणा से कार्य करते हैं। ये लोग अपने गुस्से के कारण समाज में कई शत्रु बना लेते हैं। इन लोगों को दूसरों पर नियंत्रण रखना पसंद होता है, लेकिन जब इनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाती है तो संबंधित कार्य से हट जाते हैं।<br /> <br />- अंक 9 वाले लोगों के लिए 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27 और 30 तारीखें विशेष फायदेमंद रहती है।<br /> <br />- इन लोगों को अपने क्रोध पर काबू रखना चाहिए। गुस्से पर नियंत्रण करने के बाद इन्हें कार्यों में कई उपलब्धियां हासिल हो जाती हैं।<br /> <br />- इन लोगों के लिए रूबी रत्न धारण करना फायदेमंद रहता है। यह रत्न ऐसे धारण करना चाहिए कि ये हमेशा शरीर से स्पर्श होता रहे।<br /> <br />- इनके लिए शुक्रवार, बृहस्पतिवार, मंगलवार शुभ दिन होते हैं।<br />acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-51943162754500574142014-05-08T18:06:33.130-07:002014-05-08T18:06:33.130-07:00
8 तारीख को जन्म लेने वाले लोग
किसी भी माह की 8 ...<br />8 तारीख को जन्म लेने वाले लोग<br /> <br />किसी भी माह की 8 तारीख को जन्म लेने वाले व्यक्ति अंक 8 वाले होते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार ये लोग काफी रहस्यमयी स्वभाव के होते हैं। इन्हें समझना काफी मुश्किल होता है।<br /> <br />अंक 8 के लोगों का व्यवहार अन्य अंक वालों से बिल्कुल अलग होता है। ये लोग हर बात के लिए बहुत गहराई से सोचते हैं तथा बोलने में स्पष्टवादी होते हैं। इसलिए अपने जीवन में इन्हें कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है।<br /> <br />इस अंक के लोगों में मनोबल एवं आध्यात्मिक शक्ति अधिक होती है। इन लोगों का परमात्मा पर अधिक विश्वास होता है।<br /> <br />- इन लोगों के लिए शनिवार का दिन विशेष महत्व रखता है। साथ ही, सोमवार और रविवार भी फायदेमंद रहते हैं।<br /> <br />- इन लोगों के लिए किसी भी माह की 8, 17 और 26 तारीखें बहुत शुभ रहती हैं।<br /> <br />- इनके लिए गहरा भूरा रंग, नीला, काला और बैंगनी रंग शुभ रहता है।<br /> <br />- इनके लिए काला नीलम या काला मोती धारण करना शुभ होता है।<br />acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-593386658693909970.post-82439787332774342662014-05-08T18:05:39.833-07:002014-05-08T18:05:39.833-07:007 तारीख को जन्म लेने वाले लोग
जिन व्यक्तियों का ...7 तारीख को जन्म लेने वाले लोग<br /> <br />जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी माह की 7 तारीख को हुआ हो, वे अंक 7 वाले होते हैं। इस अंक के स्वामी वरुण देव अर्थात् जल के देवता हैं। जल मूल रूप से चंद्रमा से संबंधित है। इसी वजह से इस अंक के लोगों पर चंद्रमा का विशेष प्रभाव रहता है।<br /> <br />अंक 7 लोग स्वतंत्र विचारों वाले और आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं। ये लोग किसी को भी बड़ी आसानी से प्रभावित कर लेते हैं। चंद्र से संबंधित होने के कारण ये मन से बड़े ही चंचल होते हैं। इन्हें मस्ती-मजाक करना पसंद होता है। ये लोग अपने मित्रों का हमेशा मनोरंजन करते रहते हैं। सभी को खुश रखते हैं।<br /> <br />- अंक 7 वालों के लिए रविवार और सोमवार शुभ दिन होते हैं।<br /> <br />- इनके लिए माह की 1, 2, 4, 7, 10, 11, 13, 16, 19, 20, 22, 25, 28, 29, 31 तारीखें शुभ फल देने वाली हैं।<br /> <br />- इनके लिए हरा, पीला, सफेद, क्रीम और हल्के रंग लाभदायक है।<br /> <br />- इन्हें गहरे रंगों के उपयोग से बचना चाहिए।<br /> <br />- अंक 7 वालों को भगवान की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए।acharya astrohttps://www.blogger.com/profile/16266203751186367786noreply@blogger.com