Friday, March 2, 2012

होली के आठ दिन पहले होलाष्टक प्रारंभ हो जाता है। इसके बाद वापस विवाह और शुभ कार्यों के मुहूर्त 9 मार्च से प्रारंभ होंगे। 9 मार्च को पहला सावा छह रेखा का है। इसके बाद 10 और 11 मार्च को सात रेखा का सावा है।

2 comments:

  1. "संगति"

    एक विद्वान ने कहा है, “जल जैसी जमीन पर बहता है, उसका गुण वैसा ही बदल जाता है। मनुष्य का स्वभाव भी अच्छे-बुरे विचारों के लोगों की संगति के अनुसार बदल जाता है। इसलिए चतुर मनुष्य बुरे लोगों का साथ करने से डरते हैं, लेकिन मूर्ख व्यक्ति बुरे आदमियों के साथ घुल-मिल जाते हैं और उनके संपर्क से अपने आपको भी दुष्ट बना लेते हैं। मनुष्य की बुद्धि तो मस्तिष्क में रहती है, किंतु कीर्ति उस स्थान पर निर्भर रहती है जहां वह उठता-बैठता है और जिन लोगों या विचारों की सोहबत उसे पसंद है। आत्मा की पवित्रता मनुष्य के कार्यों पर निर्भर हैऔर उसके कार्य संगति पर निर्भर हैं। बुरे लोगों के साथ रहने वाला अच्छे काम करे यह बहुत कठिन है। धर्म से स्वर्ग की प्राप्ति होती है, किंतुधर्माचरण करने की बुद्धि सत्संग या सदुपदेशों से ही प्राप्त होती है। स्मरण रखिए कुसंग से बढ़कर कोई हानिकर वस्तु नहीं है तथा संगति से बढ़कर कोई लाभ नहीं है।”

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  2. शिव, काल के नियंत्रक देवता माने जाते हैं। इसलिए सांसारिक नजरिए से माना जाता है कि मृत्यु हो या मुश्किल दौर शिव की नियमित भक्ति से टल जाते हैं। इस कड़ी में शिव भक्ति के विशेष कालों सोमवार व प्रदोष तिथियों पर भगवान शिव की उपासना तमाम भौतिक सुखों की कामनाओं को पूरा कर खुशकिस्मत व सफल बनाने वाली मानी गई है।

    शास्त्रों के मुताबिक शिव भक्ति के इन दिनों में विशेष मंत्रों से शिव का स्मरण कर कुछ खास उपाय यश और सौभाग्य देने वाले सिद्ध होंगे। वर्तमान में जारी वैशाख माह में 6 को सोमवार व 7 को मंगलवार के साथ प्रदोष का ही संयोग यानी भौम प्रदोष है। इनमें शिव उपासना खुशहाल बनाने वाली होगी।

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