Friday, March 18, 2016

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बच्चों के लिए माता-पिता को ध्यान रखनी चाहिए ये 5 बातें,1.हर बच्चे का अपना अलग स्वभाव हाेता है । कुछ बच्चे चपल आैर तेज स्वभाव के होते हैं। पब्लिक प्लेसेस पर वे कभी-कभी अत्यधिक उतावले हो जाते हैं। यह सिर्फ नई जगह के उत्साह के कारण होता है। एेसे में जरूरी है कि उन्हें पब्लिक प्लेस में इस बात के लिए किसी प्रकार की सजा न दी जाए, लेकिन बाद में समझाएं।
2. बच्चों की मांगों को पूरा करें, लेकिन उन्हें मनमर्जी न करने दें। अभिभावक होने के नाते यह आपका कर्तव्य है कि आप घर के नियम बनाएं और बच्चों को उनका पालन करने के लिए तैयार करें।
3. बच्चों के ऊपर जाेर-जाेर से चिल्लाने से कुछ नहीं होगा, वो आपको अनसुना कर देंगे और उल्टा आपको ही झुंझलाहट होगी। इसकी बजाय उन्हें शांति से समझाना चाहिए। यह भी जरूरी है कि बच्चों से बात करते समय अाप उनसे आंखें मिलाकर बात करें और अपनी बात पूरे आत्मविश्वास के साथ उन्हें समझाएं। आपकी कोशिश यही होनी चाहिए कि बच्चे आपकी बातों को ध्यान से सुनें।
4. बच्चों काे नियमित बनाने की प्रक्रिया कभी आसान नहीं होती है और इससे हार कर ये कह देना कि ‘ये ऐसे ही हैं और कभी नहीं सुधरेंगे’ कभी भी इस बात का हल नहीं हो सकता है। अगर आपको लगता है कि बच्चों में बहुत सुधार की जरूरत है तो इसके लिए छोटे-छोटे चरणों में काम करें। इससे अापको झुंझलाहट भी नहीं हाेगी।
5. बच्चों द्वारा किए गए अच्छे कामों काे पहचानें और उनकी सराहना करें।

2 comments:

  1. *ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व, जानें ग्रह शांति के उपाय और मंत्र*
    ✍🏻वैदिक ज्योतिष में सभी ग्रहों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इन्हीं में एक खास ग्रह है शुक्र। यह ग्रह सभी तरह के सांसारिक भोग और विलासिता से जुड़े हुए जीवन से संबंध रखता है। सुख-समृद्धि, ऐशो-आराम, प्रेम और वैभव का कारक ग्रह शुक्र जब किसी व्यक्ति की कुंडली में उच्च भाव में रहता है तो उसका जीवन बहुत ही सुख और शांति से बीतता है। वही कुंडली में शुक्र के कमजोर होने व्यक्ति को आर्थिक परेशानियां और भौतिक चीजों की कमी सताने लगती है। ज्योतिष में शुक्र के कमजोर होने पर उसको मजबूत करने के कुछ उपाय बताए जाते हैं जिसमें पूजा-पाठ, दान, व्रत और रत्न को धारण करने की सलाह दी जाती है।
    *उपाय-*-शुक्र ग्रह को शुभ बनाने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है 
     ॐ शुं शुक्राय नम:। 
    ॐ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम् ..........
    २.-कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए  शुक्रवार का व्रत रखें और मां लक्ष्मी की उपासना करें। 
    ३.-ज्योतिष में प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग रंगों के वस्त्रों को पहना जाता है। शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए इस दिन सफेद  रंग के  कपड़े पहना शुभ रहता है।
    ४.-दान देने से सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं, ऐसे में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए सफेद चीजों का दान करना चाहिए।
    ५.-शुक्र की शुभता के लिए चीटिंयों और सफेद गाय को आटा/रोटी खिलाना चाहिए। 
    ६.-शुक्र यंत्र को विधि-विधान से पूजित कर पूजास्थल पर रखें। 
    ७.-शुक्र को प्रबल करने के लिए हीरा और सफेद पुखराज पहना जाता है लेकिन रत्नों को धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह जरूर ले लेना चाहिए...!!

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  2. � किसी व्यक्ति के कन्या ज्यादा होंगे या पुत्र इसका सिद्धांत बताते हैं। यदि पंचम भाव पुरुष राशि, पुरुष अंश मैं स्थित हूं और पंचम में पुरुष ग्रह बैठे हों या पंचम को पुरुष ग्रह देख रहे हो और पंचमेश भी पुरुष राशि, पुरुष अंश मैं स्थित हूं तथा पुरुष ग्रहों द्वारा देखा जाता हो या पुरुष ग्रहों के साथ हो तो पुत्र होते हैं। किंतु यदि पंचम भाव में स्त्री राशि, स्त्री नवमांश हो, पंचम में स्त्री ग्रह बैठे हो या स्त्री ग्रह पंचम को देखते हो और पंचमेश स्त्री राशि, स्त्री नवमांश में स्थित हो, स्त्री ग्रहों से युक्त या दृष्ट हो तो ज्यादा कन्याए होंगी।प्राइस ऑफ बातें किसी की कुंडली में पूर्ण रूप से घटित नहीं होती इसलिए मिला जिला प्रभाव भी हो सकता है।
    �� कितने पुत्र होंगे यह देखिए कि कौन से ग्रह पांचवें घर में बैठे हैं या पांचवें घर के स्वामी के साथ बैठे हैं और उनमें से कितने ऐसे हैं जो मित्र, नीच और शत्रु नवांश में है। इसी प्रकार यह विचार ना चाहिए कि बृहस्पति से पंचम स्थान में कौन से ग्रह हैं तथा वह बृहस्पति से पंचम स्थान का स्वामी मित्र नवांश में है या नहीं।और यह भी देखना चाहिए कि सूर्य जिस नवांश में है उससे पंचम में जो ग्रह हैं या उससे पंचम का जो स्वामी है वह सब मित्र नवांश में है या नहीं।
    �� किसी पुरुष की जन्मकुंडली देखकर यह कैसे बताना किस पुरुष के वीर्य में संतान उत्पन्न करने की ताकत है या नहीं

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